दास्ताँ-ए-इंजीनियर
जब हम हुए पैदा, तो घर में रौनक आई,
देने लगे सभी बधाई, घर में इंजीनियर हुआ है भाई|
अपन तो पैदा होते ही Motor की आवाज़ में रोए,
सपने आती थी Machine Drawings जब भी सोए|
छुटपन में ही "सपूत" के पाँव दिखने लगे पालने में,
जब हम समझने लगे Oscillation झूला झूलने में|
जब घर आते रिश्तेदार तब हमने सीखी Theory Of Relativity,
पलंग से सोते हुए गिरकर हमने समझाई Gravity|
थोड़े बड़े होने पर लगा बाहुबली बनने का चस्का,
जा पहुंचे चूल्हे में माँ के, लिया गदा से हाथ चिपका|
हमारे Sound-waves के vibrations ने दिया सबको हिला,
गरम cooker से हाथ हमारा हटाने हुआ उसका आँचल गीला|
स्कूल में बताया सबको Newton's 3rd Law of Motion,
छपा गाल पर पंजाब, बदले में सुन्दर classmate को dirty emotion|
पर कहते हैं कोशिश करने वालों की हार नहीं होती,
वैसे ही किसी इंजीनियर की इज़्ज़त खुद्दार नहीं होती|
Newton के ही 1st Law सीखा हमने Inertia and Force Action,
जा पँहुचे फ़ूल और Card लेकर करने नया Chemical रिएक्शन|
Catalysts की presence में होने लगी bonding,
पता नहीं था Covalency होती है बड़ी demanding|
घर-बार, स्कूल-दोस्त, सब छूटे बाली उमरिया में,
दिन-रैन, धुप-छाँव-बारिश, सब बीतने लगे Nucleus की डगरिया में|
Free Electrons जैसे दोस्त जलने लगे क्योंकि Drop होने लगा हमारा Connection ,
Neutrons की bombarding करने लगे के हो जाये तेरे-मेरे बीच Fission Reaction|
जैसे तैसे कोटा जाकर Engineering का टिकट करा हासिल,
माँ-बाप को लगने लगा "हाय बेटा बनते जा रहा है Fossil|"
Engineering College में आते ही हुआ आणविक विस्फ़ोट,
Programming, English, Environment Sc. ने करी भयंकर चोट|
Keyboard पर उँगलियाँ तोड़ते-तोड़ते समझते खुदको जीतन माँझी,
समझाने लगे खुदको "बनना पड़ेगा IT बेलदार, ग़र निभानी है प्रीत साँझी|"
गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, एक शायर का था कहना,
पर हम घोड़े तो क्या ख़च्चर भी न थे, As per Principal रैना|
लगी हर Semester में बैक, जैसे राणा के शरीर पर घाव,
फिर भी रहे हम College के हीरो, न काम हुआ अपना भाव|
Internship में जाकर हुआ एहसास-ए-कमतरी,
लगा आज तक करी सिर्फ चोरी, डकैती, जेबकतरी|
आज Final year के placements में बैठे हैं दोस्त सारे,
जो बोलते थे "मेरे ज़्यादा back-papers हैं, ना की तुम्हारे|"
हम Engineers नहीं किसी से डरते, चाहे CAT हो या GATE,
पर दाँव लगते-लगते रह जाता है क्योंकि We are always LATE|
पर कोई नहीं जो इक साथी छूट गया, एक सपना टूट गया,
खोलेंगे Start-up बनेंगे Zukerberg, जो last-offer भी हाथ से छूट गया|
करेंगे सपने पूरे, लाएंगे बदलाव, बदलेंगे सबकी सोच,
हम Engineer हैं भाई, ना कि जानवर या cockroach|
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